आजकल आपने कभी भी अगर दो स्मार्टफोंस को कंपेयर किया हो या आपने अगर किसी स्मार्टफोन की कैमरा स्पेसिफिकेशंस देखी हो तो आपको उसमें OIS लिखा नजर आया होगा तो कैमरा स्पेसिफिकेशंस पे लिखा हुआ यह OIS क्या होता है और कैमरा में यह कैसे काम करता है? और इसके क्या फायदे हैं हम इस आर्टिकल में यही जाएंगे हैं :
OIS क्या है?
OIS शब्द का पूरा नाम "ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन" अब ये ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन का मतलब क्या होता है? इमेज स्टेबलाइजेशन इसका मतलब कि ये इमेज को स्थिर बनाने में काम आता है और ऑप्टिकल मतलब ये कुछ लेंसेशन की मदद से ये ऐसा करता है। एक उदाहरण से समझते हैं जैसे कि आप अगर दिन में बाहर एक फोटो लेते हैं जब खूब रोशनी होती है चारों तरफ। तो कैमरे का जो शटर है वो एक सेकंड के 100वें हिस्से के लिए या एक सेकंड के 200वें हिस्से के लिए केवल खुलता है क्योंकि जैसे ही शटर खुलता है कैमरे का जो सेंसर है उसको काफी रोशनी मिल जाती है वो बंद हो जाता है और आप अपनी फोटो देख पाते हैं।
लेकिन जब हम बात करते हैं लो लाइट की या जब रोशनी काफी कम होती है या बिल्कुल नहीं होती है उस टाइम पे कैमरे का जो शटर है वो कोशिश करता है ज्यादा से ज्यादा देर तक खुले रहने की। कई बार सेकंड का 10वां हिस्सा कई बार सेकंड का 20वां हिस्सा। तो जो ये सेकंड का 10वां हिस्सा है यह टाइम बहुत ही ज्यादा होता है। एक आम इंसान अगर वो फोन पकड़ के फोटो लेगा तो वो यह जो टाइम है वह उसके लिए बहुत ज्यादा होता है और एक सेकंड के 10वें हिस्से में यह बात तो पक्का है कि उसके हाथ से फोन थोड़ा बहुत शेक करेगा और यह एक आम बात है यह हर एक के साथ होता है। अब यहां ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन जो है वो आपकी मदद करता है
फोटो लेते समय जो आपके हाथ से फोन जो हिल रहा है उसको खत्म करने में। अगर आप नॉर्मल किसी फोन से फोटो लेते हैं जिसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन नहीं होता तो इससे दो बातें होती हैं या तो फोटो धुंधली आती है क्योंकि कैमरा तो एक सेकंड के 10वें हिस्से तक शटर अपना खोल के वेट कर रहा था लाइट के आने का लेकिन आपने उस दौरान कैमरे को इतना हिला दिया कि सब चीजें इधर उधर मिल गई है। इस स्थिति में आपकी जो फोटो आती है वो डार्क आती है क्योंकि फोन बहुत ज्यादा हिल रहा है इससे फोटो धुंधली आएगी तो कैमरा इस तरीके से काम करता है कि यह फोटो लेने के टाइम को कम कर देता है और जैसे ही कैमरा फोटो लेने के टाइम को कम करता है और तब इतने कम समय में कैमरे को रोशनी नहीं मिल पाती है तो फोटो डार्क आती है।
OIS कैसे काम करता है?
ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन क्या करता है मान लीजिए कि आपके हाथ में है फोन है यानी आप जब फोटो ले रहे हैं तो जब आपका फोन जरा सा यूं हिला तो वो लेंस को उसके बदले में उल्टा हिला देता है जैसे आपके हाथ का मूवमेंट होगा या फोटो लेते टाइम आपका हाथ दाएं बाए हिलता होगा उस समय जो ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन है उसके अंदर ऐसे मैकेनिकल पार्ट्स है जिससे यह कैमरे में जो लेंस हैं उसको उसके विपरीत दिशा में उसका उल्टा घुमा देगा और जिससे कैमरे को यह फर्क नहीं पड़ेगा कि आपका फोन हिल रहा है या नहीं हिल रहा है वह ज्यादा से ज्यादा टाइम तक आपका जो शटर है वह खोल पाएगा और आपको बहुत ही अच्छी फोटोज मिल पाएंगी।
ये तो थी फोटोज की बात यह चीज वीडियोस में भी होती है कि जब आप कोई वीडियो रिकॉर्डिंग करते हैं जैसे आप जब चल रहे होते हैं और चलते चलते अगर आप किसी चीज की रिकॉर्डिंग कर रहे हैं तो थोड़े बहुत आपको चलने से जर्क लगेंगे और आपका जो फोन है वो थोड़ा बहुत थोड़ा बहुत हिलेगा लेकिन ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन की मदद से यह चीज को कम से कम किया जा सकता है और जो आपका मूवमेंट है उसको कम से कम बनाते हुए वीडियो को एक स्मूथ और एक साफ क्वालिटी दी जा सकती है। जिससे आपको एक स्टेबल और अच्छी क्वालिटी की वीडियो मिल पाती है। अभी आजकल के जितने भी फोन आ रहे हैं इनके कैमरा में ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन बहुत कॉमन हो गया है।
OIS के क्या फायदे हैं?
ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन के बहुत से फायदे हैं ये टेक्नोलॉजी कैमरा लेंस में होती है यह फोटो और वीडियो को ब्लर होने से बचती है जब हम हाथ से फोन को पकड़कर फोटो या वीडियो लेते हैं :
• बेहतर फोटो क्वालिटी : जब आप लो लाइट में फोटो लेते हैं तब इसकी मदद से फोटो क्लियर और शार्प आती है।
• कम मोशन ब्लर : जब कोई चीज गति में हो या आप हाथ से फोन पकड़कर फोटो लेते है उस समय OIS ब्लर होने से रोकता है।
• बेहतर वीडियो रिकॉर्डिंग : OIS के मदद आप एक अच्छी और स्टेबल क्वालिटी की वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं। जब आप चलते चलते वीडियो बनाते हैं तो उस समय फोटो ज्यादा शेक होता है तो OIS के मदद से आप एक स्टेबल वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं।
निष्कर्ष : ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन एक ऐसी तकनीक है जो आधुनिक फोटोग्राफी का महत्वपूर्ण बन चुकी है। ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन केवल फोटोज को साफ और शार्प बनाता है, बल्कि वीडियो रिकॉर्डिंग को भी प्रोफेशनल लुक देता है।